Khubsurat kavita Biwi ke liye
करवाचौथ तो बहाना है,
असली मकसद तो पति को याद दिलाना है…
कि कोई है,
जो उसके इंतजार में दरवाजे पर
टकटकी लगाए रहती है,
पति के इंतज़ार में.
सदा आँखें बिछाए रहती है…
वैलेंटाईन ड़े, रोज़ ड़े
इन सब को वो समझ नहीं पाती है….
प्यार करती है दिल की गहराईयों से,
पर कह नहीं पाती है….
सुबह से भूखी है,
उसका गला भी सूखा जाता है….
इस पर उसका कोई ज़ोर नहीं,
उसे प्यार जताने का
बस यही तरीका आता है….
खुलेआम किस करना हमारी संस्कुति में नहीं,
‘आई लव यू’ कहने में वो शर्माती है….
वो चाहती है बहुत कुछ कहना,
पर ‘जल्दी घर आ जाना’
बस यही कह पाती है….
फेसबुक, ट्वीटर से मतलब नहीं उसे,
ना फोन पे वाट्सैप चलाना आता है….
यूँ तो कोई जिद नहीं करती,
पर प्यार से रूठ जाना आता है…
यूँ तो दिल मचलता है हमारा भी,
देख कर हुस्न की बहार…
मन करता है कि कोई गर्लफ्रेंड बनाऊँ,
पर याद आ जाता है उसका समर्पण,
और हमारे परिवार पर लुटाया हुआ प्यार….
ऐसी प्रिया को,
है सम्मान का, प्यार का अधिकार |।।
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